
एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य नहीं है, बच्चों के समस्या को लेकर गंभीर। बच्चों को विद्यालय से निकल कर अपनी समस्या को लेकर पहुंचा पड़ रहा है,कलेक्टर के पास।
बलरामपुर/रिपोर्ट (शोएब सिद्दिकी)आपको बता दे की, बलरामपुर जिले के एकलव्य विद्यालय व्यवस्था को लेकर, हमेशा से सुर्खियों में रहा है।
कभी विद्यालय में बच्चों को भोजन की समस्या निर्मित हो जाती है,तो कभी पढ़ाई कर रहे बच्चों के,मार्कशीट में समस्या निकल कर सामने आ रही है।
आज का ताजा मामला,बलरामपुर जिले के एकलव्य विद्यालय के अव्यवस्था से छात्रों में आक्रोश उमड़ रहा है,
एकलव्य विद्यालय में अध्यनरत छात्रों के मार्कशीट में फोटो नहीं होने जैसी, समस्याओं को लेकर,आज एकलव्य विद्यालय के छात्र-छात्राएं, स्कूल से निकलकर कलेक्टर कार्यालय घेराव करने तथा जिला कलेक्टर बलरामपुर के समक्ष अपनी बातों को रखने निकले हैं।

छात्रों का कहना है कि, हमारे दसवीं के मार्कशीट में हमारा फोटो नहीं लग हुवा है,जिस कारण मार्कशीट स्कैन नही हो रहा है,और वह मार्कशीट हमारे आगे की कक्षा के लिए तथा शासकीय सेवा के लिए उपयुक्त नहीं है।
इन समस्याओं को लेकर आज एकलव्य विद्यालय के छात्र-छात्राएं,अपने विद्यालय से निकलकर जिला कलेक्टर बलरामपुर से मिलकर,अपनी समस्या रखने तथा समस्या निराकरण कराने निकले हुए हैं।
हमारे रिपोर्टर के द्वारा छात्र-छात्राओं से बात की गई तो, उन्होंने कहा कि हमारे दसवीं के मार्कशीट में फोटो लगा हुआ नहीं है, जिस बात की जानकारी हमने अपने एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य को, वर्षों पूर्व ही अवगत कराया है, और इस त्रुटि के संबंध में प्राचार्य को भी जानकारी है, बावजूद इसके आज तक हमारे मार्कशीट का सुधार नहीं किया गया है।
वही हमारे रिपोर्टर के द्वारा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग बलरामपुर से बात की गई तो, उन्होंने छात्रों के मार्कशीट में त्रुटि होने की बात को स्वीकारा है, तथा जल्द ही त्रुटी को सुधार करने का आश्वासन उन्होंने आज बच्चों को दिया है। लेकिन बच्चे सहायक आयुक्त के आश्वासन तथा एकलव्य विद्यालय के प्रचार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं है, और बच्चे विद्यालय छोड़कर सैकड़ो की तादाद में, छात्र-छात्राएं कलेक्टर बलरामपुर से मिलकर, अपनी समस्या रखने पहुंचे हैं।
विडंबना तो यह है कि एकलव्य विद्यालय के बच्चों को अपने मार्कशीट में हो रहे त्रुटि को लेकर, विद्यालय छोड़ आंदोलन करने मजबूर होना पड़ रहा है, जिस पर विद्यालय के प्राचार्य तथा विभाग के सहायक आयुक्त गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। अन्यथा बच्चों को कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्या रखने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
अब देखने वाली बात यह है कि क्या,जिला कलेक्टर बच्चों के मार्कशीट वाली समस्या का निदान करा पाते भी है या नहीं।


