अंबिकापुर संभागीय परिवहन अधिकारी दफ्तर बना भ्रष्टाचार का अड्डा

वर्षों से जमे…अपना वज्र साम्राज्य स्थापित किए बाबुओं कें दुर्व्यवहार और अवैध उगाही से मोटर मलिक हैं परेशान

कई करोड़ के आसामी बन बैठे हैं परिवहन विभाग के ये लिपिक, 20 से 25 हजार प्रतिदिन कमाते हैं ये बाबू:सूत्र

वर्षों से जमे इन बाबुओं के चल अचल संपत्ति की जांच करने की उठ रही है मांग


अंबिकापुर/रिपोर्ट (फिरदोश आलम) पिछली कांग्रेस की सरकार में परिवहन विभाग में जमकर भ्रष्टाचार देखने को मिला जो पुरानी सरकारों में नहीं हुआ था वह कांग्रेस के 5 साल की सरकार में परिवहन कार्यालय में देखा गया, स्थिति तो यह है की सरगुजा संभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में ट्रांसफर नीति भी काम नहीं करती यहां पर वर्षों से जमे बाबू अपना रोब जमाते हैं और उगाही में खूब नाम कमाते हैं, अब जब सरकार बदल गई है तो ऐसा उम्मीद जगा है कि शायद परिवहन विभाग में लोगों का काम आसानी से होगा परेशानी नहीं होगी। अभी तक की स्थिति में सरगुजा संभाग का परिवहन कार्यालय पूरी तरीके से कुछ बाबुओं के मुट्ठी में था जैसा वह चाहते थे वैसे दफ्तर चलाया जाता था।
क्या यशस्वी प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त भारत की परिकल्पना में पानी फेरने का काम कर रहा परिवहन विभाग?
ज्ञात होगी सरगुजा संभाग के परिवहन के सबसे बड़े दफ्तर में भ्रष्टाचार चरम पर है जानकारों की मानें तो छोटे से लेकर बड़ा अधिकारी पैसे की गूंज और धमक में मदमस्त हो चला है, दलाली प्रथा पूरी तरह से हावी है दफ्तर के अंदर दलालों का दब-दबा है आरटीओ सहित विभिन्न कामकाजी बाबू दिनभर दलालों से घिरे रहते हैं, नियमों के अनुसार, इन्हें दफ्तर के बाहर लगी खिड़कियों से ही काम करना चाहिए लेकिन सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के भ्रष्ट आचरण के कारण यह दफ्तर के अंदर बाबुओं के इर्द-गिर्द मौजूद रहते हैं, सारी फाइलों को खुद निकलती रखते हैं यही कारण है कि दफ्तर से सैकड़ो फाइलें अभी नदारत है, फाइल नहीं मिलने के कारण कई काम अभी लंबित बताई जा रहे हैं ड्राइविंग लाइसेंस गाडि़यों के पंजीयन फिटनेस परमिट सभी कार्यों के रेट बढ़ा दिए गए हैं कोई भी कार्य अधिकारी डायरेक्ट वाहन स्वामी से करने को तैयार नहीं है दलाल के माध्यम से जाने के बाद ही किसी कार्य को देवांगन जी हाथ लगाते हैं, दलालों से भी एडवांस पैसे की मांग की जा रही है कहा जा रहा है की नई सरकार बनी है ऊपर से ही टाइट करने को कहा गया है, खर्च बढ़ गया है हम क्या कर सकते हैं यदि आपको दिक्कत है तो हमारी शिकायत कर दो और हमारा ट्रांसफर करवा दो ऐसी बेतुकी बाते कहकर भ्रष्टाचार को खत्म करने के बजाय भ्रष्टाचार बढ़ाया जा रहा है देश की यशस्वी प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त भारत की परिकल्पना में पानी फेरने का काम पूरे प्रदेश के परिवहन विभाग के अधिकारी जबरदस्त ढंग से कर रहे हैं।
अंबिकापुर परिवहन विभाग में बिना पैसा नहीं होता कोई काम
अंबिकापुर परिवहन विभाग के दफ्तर में वर्षों से जमे एक ही स्थान पर कई बाबू अंगद की तरह पैर जमा कर बैठे हुए हैं,वहीं सूत्रों की मानें तो कई बाबू करोड़ के आसामी बन बैठे हैं अंबिकापुर शहर सहित प्रदेश के अन्य भागों में इन बाबू के पास करोड़ों रुपए की चल-अचल संपत्ति है, एक एक बाबू 20 से 25 हजार रूपए प्रतिदिन कमाता है अकूत काली कमाई की गर्मी से गरमाए बाबूओ की दादागिरी दफ्तर में चरम पर है भ्रष्ट बाबू से सामना न करना पड़े इसलिए वाहन स्वामियों को मजबूरन दलालो के शरण में जाना पड़ रहा है, नई सरकार से आम जनमानस को काफी उम्मीदें बड़ी है और उससे भी बड़ी बात यह है कि सरगुजा संभाग से स्वयं मुख्यमंत्री महोदय हैं और उन्हें भी इनके भ्रष्ट आचरण की जानकारी है परिवहन विभाग से जुड़े व्यापारियों को माननीय मुख्यमंत्री जी से बड़ी आशा है की इस जबरन भया दोहन करने वाले परिवहन विभाग के अधिकारियों और बाबू और सड़कों पर जबरन अवैध वसूली करने वाले इंस्पेक्टरो के आतंक से उन्हें फिलहाल पूरी तरह से मुक्ति मिलेगी। विदित हो कि अंबिकापुर का क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का कार्यालय मौजूद है जहां पूरे संभाग के बसों का परमिट,सहित ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी का फिटनेस गाडç¸यों का पंजीयन लाइसेंस रिनुअल लाइसेंस का हैवीकरण सहित कई प्रकार के कार्य किए जाते हैं बताया जाता है कि कांग्रेस कार्यकाल में इस कार्यालय में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है आरटीओ देवांगन की भ्रष्ट कार्य शैली पर हमेशा सवालिया निशान लगाते रहे हैं जिसकी शिकायत प्रदेश के कार्यालय में भी की जाती रही है लेकिन ऊपर के भी भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने इस कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों और बाबुओं पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की।
कई वर्षो से जमे है बाबू,सोने की अंडा देने वाली मुर्गी समझ बैठे है कार्यालय को?
विभागीय जानकारों की मानें तो साहू बाबू पिछले कई वर्षों से अंबिकापुर में पदस्थ है कई करोड़ रूपों का आसामी बताये जाते हैं नगर में इन्होंने कई दर्जन बिल्डिंग बनाई है और जमीन ने खरीदी हैं सभी बिल्डिंगों को परिवहन विभाग सहित अन्य सरकारी कर्मचारियों को किराया में दे रखा है बताया बताया तो ये भी जाता है कि इसकी काली गोरी सभी कमाई लगभग 10 लाख रुपए महीना है, वही सिंह बाबू का भी हाल ऐसा ही है इनकी भी कमाई 20 से 25 हजार प्रतिदिन बताई जाती है सुबह 10ः00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक कार्यालय में आकर बैठने वाले यह बाबू अपना टारगेट फिक्स होने के बाद ही दफ्तर छोड़ते हैं जो व्यक्ति इन्हें पैसा नहीं देता उसे पर गवर्नमेंट की पेनल्टी सी एफ इंटरेस्ट ब्याज अधिक राशि बात कर उसे भैया दोहन करते हैं और जब उनके ग्रूप में फंसा मोटर मालिक उनके हिसाब से सेट हो जाता है तो उसका काम मुझे बड़ी सरलता से कर देते हैं ऐसा नहीं है कि उनकी शिकायतें प्रदेश के एसटीए कार्यालय में लगातार की गई है लेकिन प्रदेश कार्यालय में बैठे अधिकारी उन्हें सोने की अंडा देने वाली मुर्गी समझकर इन पर कार्यवाही करने में गुरेज करते हैं यही वजह है कि उनके हौसले बुलंद है बीते दिवस हाईकोर्ट ने रायपुर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय के सभी कर्मचारियों अधिकारियों अन्यत्र स्थानांतरण के निर्देश दिए थे जिस तरह का भैया दोहन और भ्रष्टाचार रायपुर कार्यालय में हो रहा है उसी तरह के भ्रष्ट बाबू और अधिकारी दोनों अंबिकापुर दफ्तर में भी मौजूद है नई सरकार बनी है विधायक एवं पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी ने अपनी एक बयान में कहा था कि परिवहन विभाग भी अपनी अवैध उगाही वाली स्थिति सुधार ले लेकिन उनकी बातों का इंटरेस्ट अधिकारियों और बाबुओं पर कोई फर्क नहीं पड़ा है और अवैध उगाही बदस्तूर जारी है

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