कुसमी वन परिक्षेत्र अंतर्गत,गजाधरपुर वन समिति प्रबंधक,शुकर राम के द्वारा,हितग्राहियों के राशि गोल माल करने का,ग्रामीणों ने लगाया आरोप


हितग्राहियों का आरोप है कि,विगत दो से तीन वर्षों,से तेंदूपत्ता का राशि भुगतान नहीं हुआ है।

कुसमी/स्टेट हेड (फिरदौस आलम) कुसमी विकासखंड के ग्राम पंचायत जिरहुल के तेंदूपत्ता तोड़ने वाले हितग्राहियों का पैसा,प्रबंधक शुकर राम के द्वारा नहीं दिया गया,हितग्राहियों ने प्रबंधक के ऊपर,रुपए गोलमाल करने का,गंभीर आरोप लगाते हुए राशि दिलाने की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कई लाख रुपए, प्रबंधक के द्वारा तेंदूपत्ता तोड़ने वाले हितग्राहीयों को नहीं दिया गया है,तेंदूपत्ता का राशि 7 से 8 महीनो में व बोनस का राशि अगले एक वर्ष के पहले आ जाता हैं, पर प्रबंधक के दबंगई से हितग्राहियो को अभी तक राशि मुहैया नहीं हुआ।
ग्रामीणों का कहना है की हम लोग,कितने मुश्किलों से जंगल में जाकर तेंदूपत्ता तोड़ते हैं,पर इस बात का प्रबंधन को जरा सा भी ख्याल नहीं,उसे तो बस अपना मुनाफा देखना है।
हमारे रिपोर्टर फिरदोश आलम से बात करते हुए,तेंदूपत्ता तोड़ने वाले हितग्राही ने बताया कि,जब हम कुसमी वन विभाग के कार्यालय में पैसा मांगने जाते हैं तो,कहा जाता है कि प्रबंधन को लेकर आओ और प्रबंधन के पास जाते हैं तो वह कहता है कि पैसा डाल दिया हूं,पर आज दो, तीन वर्षों से हमें तेंदूपत्ता राशि का भुगतान नहीं हुआ है,और ना ही हमें बोनस का राशि मिला हैं,हमने अभी तक हजारों रुपए खर्च कर प्रबंधक और वन विभाग कार्यालय कुसमी का चक्कर लगा लिए पर हमें अभी तक तेंदूपत्ता का पैसा नहीं मिला।
जब हमारे रिपोर्टर ने कुसमी वन परिक्षेत्र अंतर्गत गजाधरपुर समिति प्रबंधक शुकर राम से बात करना चाहा तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया।
वाही जब हमारे रिपोर्ट ने वन परिक्षेत्राधिकारी काली चरण राम से तेंदूपत्ता राशि भुगतान के संबंध में बात की तो,उन्होंने कहा यह मामला शुकर राम प्रबंधक का है,इसका जवाब वही देगा। अब देखना यह है की क्या खबर प्रकाशन होने के बाद भी प्रबंधक के ऊपर कोई कार्रवाई होती भी है या नहीं।

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