आचार्य श्री के देहावसान पर पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, उनसे सेवा कार्यों की प्रेरणा मिलती थी

सागर/स्टेट हेड (फिरदोश आलम) संत शिरोमणि, परम पूज्य 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज जी के संलेखना समाधि पूर्वक देह त्याग पर पूर्व मंत्री व खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि तपस्चर्या के शीर्ष स्वरूप, अहिंसा और जीव कल्याण के क्षेत्र में आचार्य की उपलब्धियों के लिए मानवता हमेशा उनकी ऋणी रहेगी।

पूर्व मंत्री सिंह ने कहा कि आचार्य श्री से हुई हर एक भेंट सेवा कार्यों के लिए प्रेरणा देती थी। आचार्य श्री का व्यक्तित्व पारस पत्थर की तरह था, जिनके निकट जाने मात्र से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पूज्य आचार्य की स्मृतियां, साहित्य और संदेश सदैव प्रकाश पुंज बन कर मानवता को दिशा दिखाता रहेगा। उनके गौसेवा के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए  कृतसंकल्पित रहूंगा।
कठोर तप और संयम से जीव कल्याण का मार्ग बताने वाले ऐसे गुरुवर को कोटिशः नमन करता हूं।

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