
सक्ति/रिपोर्टर (दीपक यादव) छेत्रीय पर्यावरण कार्यालय के नियम शर्त की राखड़ माफिया उड़ा रहे हैं धज्जीयां शक्ति जिला कलेक्टर कार्यालय से महज ही कुछ दूरी पर नदी के किनारे ग्राम सरईपाली में बहने वाले नाले के किनारे हरे भरे पेड़ों की बली चढाकर हजारों डंफर राखड़ डाला जा रहा है शासन प्रशासन मुख दर्शक बने हुए है आपको बता दें कि इस जहरीली राखड़ से पूरे नदी नाले का पानी प्रदूषित हो रहा है ग्रामीणों को पेयजल में भी जहरीले पानी का सेवन करना पड़ेगा वहीं नदी नाले में नहाने वाले व्यक्तियों द्वारा बताया गया कि नाले के पानी से नहाने पर शरीर में खुजली होने लगे हैं

अनेकों बार शासन प्रशासन से राखड़ पाटने को लेकर अवगत कराया गया है फिर भी आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है वही हमारे गांव में आने के लिए एकमात्र प्रधानमंत्री सड़क है जो कुछ दिन पूर्व ही बना था इसपर भारी वाहन के आवा जाही से पूरी सड़क टूट कर मिट्टी में तब्दील हो गई है पर्यावरण के नियम शर्त के तहत नदी नाले सड़क के किनारे इस प्रकार से राखड़ नहीं पाटा जा सकता वहीं पर्यावरण के नियम शर्त का पालन राखड़ पाटने वाले माफियाओं द्वारा नहीं किया जा रहा है जिससे प्रतीत होता है कि शासन प्रशासन पर्यावरण विभाग से भी बढ़कर राखड़ माफियाओं का जंगल राज चल रहा है

पर्यावरण कार्यालय की मंजूरी शर्त होती है; रास्ते में पानी छिड़काव करना।राखड जहां डंप किया वहां तीन फिट मिट्टी से कवर करना कंपनी से निकलने वाली गाड़ी में जीपीएस लगा होना चाहिए।और उसका रजिस्टर खदान में होना चाहिए।लेकिन कंपनी और ट्रांसपोर्टर शर्त का पालन नहीं कर है वहीं
कंपनी मंजूरी से ज्यादा राखड कंपनी से निकाल रहे है
इस संबंध में जिला कलेक्टर अमृत विकास तोपनो ने कहा शिकायत मिल रही है नियम शर्त एवं पर्यावरण की अनदेखी कर राखड़ पाटा जा रहा है तो उसकी जांच कर ट्रांसपोर्टर एवं प्लांट पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।