सीआरसी राजनांदगाँव में हुआ सीआरई कार्यक्रम का आयोजन

राजनांदगांव/स्टेट हेड (राशिद जमाल सिद्दिकी) श्रवण दोष के लिये व्यक्तिपरक और वस्तुनिष्ठ परीक्षण विषय पर हुआ आयोजन
मनोविज्ञान विभाग सीआरसी राजनांदगाँव के सहायक प्राध्यापक प्रशांत मेश्राम ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया
सीआरसी से भावना पाली, एम्स रायपुर से शशांक नेमा, मेडिकल कालेज रायपुर से तुलसी साव व मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर से मीना राव उपस्थित रही
कार्यक्रम के समन्वयक  गजेन्द्र कुमार साहू रहे।

राजनांदगांव. श्रवण दोष के लिये व्यक्तिपरक और वस्तुनिष्ठ परीक्षण विषय पर बुधवार 22 मई को सीआरसी केंद्र राजनांदगाँव में महत्वपूर्ण सीआरई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जानकारी अनुसार एनआईईपीआईडी सिकंदराबाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय दिव्याँगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार के अन्तर्गत संचालित सीआरसी राजनांदगाँव छत्तीसगढ़ में श्रवण दोष के लिये व्यक्तिपरक और वस्तुनिष्ठ परीक्षण विषय पर बुधवार 22  मई को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक सीआरई कार्यक्रम का आयोजन संपन्न हुआ जिसमें सभी अलग-अलग राज्य से कुल 164 प्रतिभागियों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ मनोविज्ञान विभाग सीआरसी राजनांदगाँव के सहायक प्राध्यापक प्रशांत मेश्राम द्वारा किया गया एवं इस दौरान सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित भी किया गया साथ ही सभी प्रतिभागियों को अपने कार्य क्षेत्र में श्रवण बाधित लोगों के लिये कैसे सहायता करना है, इसकी विधिवत रूप से सम्पूर्ण जानकारी भी प्रदान की गई। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियो को भारतीय पुनर्वास परिषद् नई दिल्ली के नियमानुसार ऑनलाइन वेबेक्स मीटिंग के माध्यम से  सीआरसी राजनांदगाँव की वाक् एवं श्रवण चिकित्सक श्रीमती भावना पाली, एम्स रायपुर से वाक् एवं श्रवण चिकित्सक  शशांक नेमा, पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज रायपुर से वाक् एवं श्रवण चिकित्सक श्रीमती तुलसी साव व मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर से वाक् एवं श्रवण चिकित्सक मीना राव द्वारा श्रवण बाधित क्या हैं, इसके लक्षण, श्रवण दोष के लिये व्यक्तिपरक और वस्तुनिष्ठ परीक्षण के प्रकार, श्रवण यन्त्र, विशेष स्कूलों हेतु श्रवण उपकरण, श्रवण बाधित ब्च्चों के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण, शीघ्र पहचान एवं शीघ्र हस्तक्षेप से लाभ, श्रवण बाधित होने से हम कैसे बच सकते हैं और कैसे श्रवण बाधित होने से पहले रोकथाम कर सकते हैं, इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई.
इस सीआरई कार्यक्रम में ऑनलाइन चार क्लास लगी और सभी क्लास के बाद आरसीआई नई दिल्ली के गाईड लाइन के अनुसार परीक्षा भी ली गई.
इस महत्वपूर्ण सीआरई कार्यक्रम में समापन अवसर पर आभार प्रदर्शन सीआरई कार्यक्रम के समन्वयक एवं वरिष्ठ वाक् एवं श्रवण चिकित्सक गजेन्द्र कुमार साहू द्वारा किया गया।

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