ग्रामीणों अंचलों की सड़को पर बेधड़क ओवरलोड रेत ,गिट्टी और बजरी से भरे दौड रहे डंपर

साल्हेवारा/स्टेट हेड राशिद जमाल सिद्दिकी) साल्हेवारा मेन रोड से होते हुए निकलती है गाडियां

रेत और गिट्टी से भरे ओवरलोड डंपर

जबकि जिला प्रशासन और पुलिस इससे अच्छी तरह से वाकिफ है उसके बावजूद भी कार्रवाई नहीं की जा रही। नियमों के मुताबिक ओवरलोड चलाना तो गैरकानूनी है ही साथ में वाहन चालकों के लिए भी मुसीबत बने हुए हैं। प्रशासन और पुलिस की ओर से न तो इनका चालान किया जा रहा है और नहीं ही इन डंपरों को बंद किया जा रहा है। नेशनल हाईवे सहित कई ग्रामीण अंचलों से रोज 100 से अधिक रेत और गिट्टी से भरे ओवरलोड डंपर निकल रहे हैं। शहर की मुख्य सड़क से वाहन तेज रफ्तार से ओवरलोड परिवहन करते हुए वाहन दौड़ाए जा रहे हैं।

बता दे ओवरलोड रेत तिरपाल से ढके नहीं होते हैं जिससे राहगीरों, साइकिल, मोटरसाइकिल चालकों के आंखों में रेत के कण जाते हैं। वहीं ओवरलोड गाड़ी चलने से सड़क भी ध्वस्त होने के कगार पर है। इसके चलते धूल का गुबार उड़ने से कुछ भी दिखाई नहीं देता है, जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका रहती है। अधिकतर ओवरलोड वाहनों पर रिफ्लेक्टर नहीं लगे होते हैं। इससे रात के समय यह नजर नहीं आते हैं। कई वाहनों तो बगैर नंबर के ही चल रहे हैं। रात को इन वाहनों के चालक हेडलाइट बंद करके चलते हैं। सामने से वाहन आता तो अचानक डिपर देते हैं, जिससे अचानक आंखों में लाइट पड़ने से चालक असमंजस में पड़ जाता है और दुर्घटनाएं होती हैं।

इन डंपरों के ओवरलोड और तेजी से गुजरने के दौरान रोड पर रेत और गिट्टी का बिखराव भी होता है। जिसके चलते दूसरे दो पहिया वाहन फिसलकर हादसे का शिकार भी बन रहे हैं।

आज सुबह 12 चक्का हाइवा साल्हेवारा से होकर रामपुर तरफ जा रहा था मौके में पत्रकार ओमकेश पांडेय अपने बाइक से निजामडीह ,कल्लेपानी ,तरफ जा रहे थे धूल उड़ने के कारण आंख में कचरा घुस गया जिसके चलते रास्ते में गिर गए वहा से घर वापस आते दो तीन घंटा आराम करने के बाद भी आराम नही हुआ तब करीबन साम को चार बजे साल्हेवारा अस्पताल में नरेंद्र कुमार निषाद नेत्र सहायक अधिकारी ने आंख में दवाई लगाकर ठीक किये


इसके बाद भी अधिकारी कार्रवाई नहीं करते। परिणाम स्वरूप इन दिनों शहर की सड़कों पर दिन और रात के समय डंपर चालक तेज रफ्तार के साथ वाहनों में ओवरलोड रेत और गिट्टी भरकर अवैध रूप से परिवहन कर रहे हैं। हादसों की आशंका बनी हुई है।
शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा। रेत माफियाओं को अधिकारियों का भी डर नहीं है। प्रशासनिक, पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारी सख्त कार्रवाई करने से बचते दिख रहे हैं। स्टाक से भरकर तय स्थानों पर पहुंचाई जाती है। रेत माफियाओं द्वारा साल्हेवारा के अन्य क्षेत्र से रेत का परिवहन रोज हो रहा है।
फिर भी पुलिस अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते। इसके अलावा रेत और गिट्टी से भरे ओवरलोड डंपर मेन रोड से होते बैतालरानी घाट, रेगाखार ,मोहगांवघाट,से निकल जाता है।


जो भी सड़क नयी बनती है उसे ही ओवरलोड वाहन अपना निशाना बना लेते हैं, इस कारण कुछ ही दिन में सड़क की सूरत बिगड़ जाती है। ओवरलोड वाहनों के कारण वनांचल।साल्हेवारा, बैगा साल्हेवारा रामपुर,निजामडीह,समुंदपानी, बकरकट्टा,बैतालरानी, से देहात तक सड़कों की हालत खस्ता हो रही है। मोटी कमाई के फेर में वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। जिनकी तरफ परिवहन विभाग भी कोई ध्यान नहीं दे रहा। ऐसे में वाहन मालिक व चालकों के हौसले बुलंद हैं। जबकि मेन सड़क से गांवों को जोड़ने वाली लिक सड़कें ग्रामीण लोगों की सुविधा के लिए बनाई जाती हैं, जिनका ग्रामीण लोगों को कोई फायदा नहीं मिल पाता। हालात यह हो जाते हैं कि वाहनों की ओवरलोडिग के कारण सड़क टूट जाती है, जिसके चलते गांवों में आने जाने वाले दो पहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। डंपर ओवरलोड होने के कारण अनियंत्रित होने का खतरा बना रहता है। जो अनियंत्रित होकर सड़कों पर पलट जाते हैं। इससे बड़ा हादसा होने का भय बना रहता है। ओवरलोड डंपर में रेत उपर तक भरा जा रहा है जिसे ढका हुआ नहीं है और वह हवा में उड़कर रास्ते में वाहन चालकों की आंखों में डल रहा है। जिससे वह भी हादसे का शिकार बन सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *