
खैरागढ़/स्टेट हेड (राशिद जमाल सिद्दिकी) शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत संस्था इकरा फाउंडेशन ने की मांग
जिलाधीश चंद्रकांत वर्मा को सौंपा ज्ञापन
जिलाधीश ने कहा- टीएल की बैठक में ये विषय प्रमुखता से रखा जायेगा

खैरागढ़. शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्था इकरा फाउंडेशन ने सोमवार 27 मई को सुप्रसिद्ध साहित्यकार और खैरागढ़ के गौरव साहित्य वाचस्पति स्व. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी की 130वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनके नाम से खैरागढ़ में “साहित्य गैलरी” खोलने की मांग करते हुये केसीजी जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा.

जानकारी अनुसार नगर में सन 2019 से शिक्षा के क्षेत्र में अनवरत बेहतर कार्य कर रही नगर की संस्था इकरा फाउंडेशन के संस्थापक अब्दुल रज्जाक खान, फाउंडेशन के अध्यक्ष खलील कुरैशी, कोषाध्यक्ष शमशुल होदा खान, सचिव मो. याहिया नियाज़ी व जुनैद खान ने केसीजी जिलाधीश चंद्रकांत वर्मा से मुलाकात की और उन्हें सौंपे ज्ञापन में कहा कि स्व. बख्शी के साहित्य जगत में दिये गए अमूल्य योगदान के लिए उनके कद को देखते हुए उन्हें उचित सम्मान देने के लिये नगर में बख्शी जी के नाम से साहित्य गैलरी की स्थापना की जाये और उनके नाम से युवा साहित्यकारों और विद्यार्थियों को पुरुस्कार दिया जाए साथ ही स्व. बख्शी जी की जयंती और पुण्यतिथि के अवसर पर खैरागढ़ सहित पूरे केसीजी जिले में विशेष साहित्यिक कार्यक्रम कराने की मांग भी की. इकरा फाउंडेशन की की इस मांग पर केसीजी जिले के जिलाधीश चंद्रकांत वर्मा ने समर्थन जताते हुए कहा कि टीएल की बैठक में इस महत्वपूर्ण विषय पर भी प्रमुखता से बात की जायेगी. गौरतलब है कि हिन्दी साहित्य जगत के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी को विशेष सम्मान दिए जाने की मांग को लेकर केसीजी जिलाधीश चंद्रकांत वर्मा को सौंपे ज्ञापन में इकरा फाउंडेशन ने बताया कि डॉ.पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य साहित्यकारों में अग्रणी रहे हैं और विशेष बात यह है कि इनका जन्म खैरागढ़ में हुआ तथा इनकी कर्मस्थली भी खैरागढ़ ही रहा है और बख्शी जी का जन्म 27 मई, 1894 को खैरागढ़ में हुआ था और 1911 में जबलपुर से निकलने वाली ‘हितकारिणी’ में बख्शी जी की प्रथम कहानी ‘तारिणी’ प्रकाशित हो चुकी थी। पदुमलाल पन्नालाल बख्शी ने अध्यापन, संपादन लेखन के क्षेत्र में भी कार्य किए और उन्होंने कविताएँ, कहानियाँ और निबंध सभी कुछ लिखा है और हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा सन् 1949 में “साहित्य वाचस्पति” की उपाधि से उन्हें अलंकृत भी किया गया और 1969 में सागर विश्वविद्यालय से द्वारिका प्रसाद मिश्र (मुख्यमंत्री) द्वारा “डी-लिट्” की उपाधि से भी उन्हें विभूषित किया गया था और 28 दिसम्बर, 1971 को साहित्यकार बख्शी जी का देहावसान हो गया था, इकरा फाउंडेशन ने कहा कि साहित्य वाचस्पति डॉ. बख्शी जी के नाम से नवनिर्मित के.सी.जी. जिले में ‘साहित्य गैलरी’ प्रारंभ की जानी चाहिए, जिससे विद्यार्थियों और साहित्य से जुड़े जिज्ञासुओं के साथ-साथ नगरवासियों को भी इसका लाभ मिल सके साथ ही, जिला प्रशासन द्वारा बख्शी जी के जन्म दिवस या पुण्यतिथि पर साहित्य संबंधी विशेष कार्यक्रमों एवं गतिविधियों का आयोजन किया जाना चाहिए साथ ही जिले एवं क्षेत्र के युवा साहित्यकारों और विद्यार्थियों को बख्शी जी के नाम से सम्मान या उपाधि दिये जाने की व्यवस्था भी होनी चाहिये.
शाम को किया फल वितरण
साहित्यकार स्व. डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की 130वीं जयंती के अवसर पर इकरा फाउंडेशन ने सरकारी अस्पताल में सोमवार की शाम 5 बजे मरीजों को फल बिस्किट का वितरण कर उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना भी की.