सीआरसी राजनांदगांव में सीआरई कार्यक्रम का विशेष आयोजन हुआ

राजनादगांव/स्टेट हेड (राशिद जमाल सिद्दीकी)

00 निगलने संबंधी विकार विषय पर हुआ महत्वपूर्ण कार्यक्रम
00 इस कार्यक्रम में सीआरसी निदेशक स्मिता महोबिया, वरिष्ठ सीआरई सदस्य गजेंद्र कुमार साहू एवं चुनमुन मोहंती भी उपस्थित रही


राजनांदगांव. सीआरसी केंद्र राजनांदगांव में निगलने संबंधी विकार विषय पर सीआरई कार्यक्रम का विशेष आयोजन विगत दिनों संपन्न हुआ. जानकारी अनुसार एन.आई.ई. पी.आई.डी. सिकंदराबाद सामाजिक न्याय एवं अधिकरिता मंत्रालय दिव्याँगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार के अन्तर्गत संचालित सी.आर.सी. संस्थान राजनांदगांव छत्तीसगढ़ में  निगलने संबंधी विकार विषय पर विगत दिनों सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक सी.आर.ई. कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें सभी अलग-अलग राज्य से कुल 104 प्रतिभागी भाग लिये. इस कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ सी.आर.सी.राजनांदगाँव की निदेशक स्मिता महोबिया द्वारा किया गया साथ ही इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सीआरई सदस्य गजेंद्र कुमार साहू एवं चुनमुन मोहंती भी उपस्थित रही. कार्यक्रम में इस दौरान सभी प्रतिभागियों को सफलता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया गया एवं सभी प्रतिभागी को निगलने संबंधी विकार के बारे में पालकों एवं लोगो को अच्छी तरह से जागरूक करने की सलाह दी गई. इस कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियो को भारतीय पुनर्वास परिषद् नयी दिल्ली के नियमानुसार ऑनलाइन वेबेक्स मीटिंग के माध्यम से पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज रायपुर से प्रेमा, एम्स भुबनेश्वर से वेंकट प्रुस्टी, राष्ट्रीय बौद्धिक संस्थान सिकंदराबाद से हिमांशु वर्मा व एस लक्ष्मी प्रसन्ना स्वामिनी के द्वारा निगलने संबंधी विकार क्या है? एवं इससे होने वाली समस्याओं का कैसे सामना करे? स्पीच थेरेपी के माध्यम से कैसे प्रबंधन किया जाता है और निगलने से संबंधित विकार से बचने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई. इस महत्वपूर्ण सीआरई कार्यक्रम में ऑनलाइन चार क्लास हुआ और सभी क्लास के बाद आर.सी.आई. नई दिल्ली के गाईड लाइन के अनुसार परीक्षा ली गई. इस सी. आर.ई. कार्यक्रम का समापन सीआरसी केंद्र राजनांदगांव की निदेशक स्मिता महोबिया (कार्यक्रम की समन्वयक) के द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सीआरई सदस्य गजेंद्र कुमार साहू एवं चुनमुन मोहंती भी उपस्थित रही और कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दिया।

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