
मूसलाधार बारिश के बिच फहराया गया उची चोटी में 77 फिट का तिरंगा झंडा
कुसमी/स्टेट हेड (फिरदोश आलम) बलरामपुर रामानुजगंज जिले में स्थित छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इंडिया एडवेंचर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के साथ कुसमी एस डी एम करुण डहरिया, जनपद सीईओ डॉ अभिषेक पाण्डेय, कुसमी थाना प्रभारी जीतेन्द्र जायसवाल,विकासखंड शिक्षा अधिकारी रामपथ यादव, जनपद अध्यक्ष हुमंत सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय जयसवाल,विकेश साहू, बालेश्वर राम, विनय यादव,व पत्रकार दुर्गेश गुप्ता, फिरदोश आलम, युसूफ खाना,सादाब खाना, जसिम खान,सचिव मुकेश गुप्ता,सरपंच व सैकड़ो की संख्या में अधिकारी कर्मचारी, जनप्रतिनिधि ग्रामीण कि मैवजूदगी में 78 वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 77 फिट का तिरंगा फहराया गया,
संघर्ष के साथ फहराया गया तिरंगा
बलरामपुर रामानुजगंज जिले में स्थित राज्य कि सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा जिसकी उचाई 1225 मीटर है,

इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ कि टीम के साथ सैकड़ो की संख्या में अधिकारी कर्मचारी, जनप्रतिनिधि ग्रामीण ने ट्रेकिंग करते हुवे,लगभग 12 किलोमीटर दुर्गम व पथरीले रास्ते होते हुवे गौरलाटा पहुचे पहुंचने उपरांत बारिश सुरु हो गई, साथ हीं गरज चमक भी सुरु हो गया,कोहरा इतना गहरा था कि,मानो आँखो के आगे गहरा अंधेरा हो, व बिजली कि तरंगो को आँखो के सामने देख वहा मैवजूद सभी लोग भयभीत हो गए, भय के साथ हीं देश कि आजादी दिवस कि खुशी भी थीं, हालात और खराब होने लगा, सभी ने साथ मिल कर 77 फिट का तिरंगा झंडा फहराया साथ ही।वीर शहीदो कि जयकार लगा कर याद किये, मौसम का बिगड़ता मिजाज देख सभी ने फैसला लिया कि अब निचे चलते है, जैसे हीं निचे जाने को निकले वैसे हीं एक बिजली का झटका सभी के पैरो को छूते निकला,जिससे बहुत से लोग गिर गए, मौसम और बिगड़ता गया, फिर सभी ने साथ मिल कर बारिश में हीं जंगल के पथरीले व दुर्गम रास्ते से एक दूसरे का सहारा बनते हुवे सभी कोई सही सलामत निचे पहुंचे।
बरसात के दिनों में गौरलाटा है खतरनाक
स्थानीय लोगो का मानना है कि बरसात के दिनों में आस पास के इलाको से कई गुना ज्यादा बारिश व चमक गरज गौरलाटा पे होता है,इस कारण बरसात के मौसम में गौरलाटा नही जाना चाहिये, साथ ही पथरीली रास्ता पहाड़ होने के वजह से यहां जंगली कीड़ो का भी खतरा बना रहता है,गौरलाटा जाते वक्त अधिक जगहों पर पथरीली रास्ते है। व बारिश के कारण उसमे काई पड़ जाते है। जिससे फिसल कर खाई में गिरने का खतरा बना रहता है।