
महिला के नाम से आरोप लगाया गया है वह महिला आज स्वयं कलेक्टर के कार्यालय में उपस्थित हुई तथा इस आशय का ज्ञापन सौपा
बलरामपुर/(आफताब आलम) खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज को पद से हटाने के लिए चारित्रिक हनन सम्बन्धी निराधार आरोप कर्मचारी नेता सुनील गुप्ता स्वास्थ्य कार्य कर्ता रामचन्द्रपुर जो की आरएचओ संघ का ब्लॉक अध्यक्ष है,अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर ज़बरदस्त साजिश करते हुए आरोप लगाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ हेमंत दीक्षित के सख्त एवं साफ़ छबि से ऐसे अधिकारी/ कर्मचारी परेशान हैं जो शासन द्वारा निर्धारित दायित्वों के निर्वहन में कोताही बरतते हैं तथा स्वेच्छाचारी हैं । कर्मचारियों के ऐसे ही एक वर्ग द्वारा खण्ड चिकित्सा अधिकारी को पद से हटाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं ।

इसी कड़ी में संघ के लेटर पैड का उपयोग करते हुए विभिन्न स्थानों पर पत्र प्रेषित कर खण्ड चिकित्सा अधिकारी को हटाने की माँग की गई है माँग न माने जाने पर आंदोलन की धमकी दी गई है ।संबंधित के माध्यम से बीएमओ पर चारित्रिक आरोप लगाया गया है । जिस महिला के नाम से आरोप लगाया गया है वह महिला आज स्वयं कलेक्टर के कार्यालय में उपस्थित हुई तथा इस आशय का ज्ञापन सौपा की सुनील गुप्ता एवं विवेकानंद गुप्ता स्वास्थ्य कार्यकर्ता रात में मेरे घर आये थे तथा बीएमओ पर झूठा आरोप लगाने के लिए दबाव बना रहे थे एवं तरह तरह का लालच भी दे रहे थे । जब मेरे द्वारा बोला गया की मैं झूठा आरोप नहीं लगा सकती तो ये लोग मुझे घूरने लगे तथा धमकी देने लगे ।इस बात से मैं बहुत डरी हुई हूँ तथा मानसिक रूप से परेशान हूँ ।

महिला के द्वारा बताया गया है कि एक वर्ष पूर्व भी किसी ने साजिस करते हुए मेरे फर्जी हस्ताक्षर करके एक शिकायत पत्र कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया था जिसमे इसी प्रकार का आरोप लगाया गया था । बाद में जाँच समिति के द्वारा मुझे बुलाये जाने पर मुझे ज्ञात हुआ और मेरे द्वारा इसका खंडन किया गया ।
यह सारी साजिस एक मात्र खंड चिकित्सा अधिकारी को हटाने के लिए की जा रही है । कलेकटर बलरामपुर से उक्त महिला ने सुनील गुप्ता स्वास्थ कार्य कर्ता रामचन्द्रपुर एवं विवेकानंद गुप्ता स्वास्थ्य कार्य कर्ता पुरानडीह के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की माँग की है जिससे संबंधित को न्याय मिल सके और और लोगो के लिए मिशाल बन सके ताकि भविष्य में कोई किसी गरीब आदिवासी महिला का अपने स्वार्थ के लिए बेजा इस्तेमाल न कर सके ।
