
कूसमी/ संभागीय ब्यूरो चीफ( फिरदौश आलम) बलरामपुर जिले के कोरंधा थाना अंतर्गत ग्राम कर्राडाड में तीन वर्ष पूर्व रोड़ किनारे एक व्यक्ति का शव क्षत-विक्षत हालत में पड़ा मिला था। अन्नात व्यक्तियो ने शव के नव टुकडे कर अधजली अवस्था में आम रास्ते के किनारे फेक दिया था। शव की पहचान ग्राम भवानीपुर निवासी कमिल साय के रूप में हुई थी। जिसे कोरंधा थाना में 28.फरवरी 2022 को अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया था।

मामले में विभत्स हत्या को देखते हुये पुलिस कई दृष्टिकोणो से हत्या की गुत्थी सुलझाने में प्रयासरत थी परंतु लगातार प्रयास के बाद भी पिछले 03 वर्षों से मृतक कमिल साय की हत्या की गुत्थी अनसुलझी ही थी। इसी प्रयास में पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर द्वारा जिले के पुराने अनसुलझे मामलो में नवीन इलेक्ट्रानिक तकनीको का प्रयोग कर मामलो की नये सिरे से विवेचना करने हेतु प्रोत्साहित कर निर्देशित किया गया था। जिसपर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कुसमी के मार्गदर्शन में मामले के इलेक्ट्रानिक रिकार्डों एवं गवाहो का पुनः नये सिरे से अध्ययन किया गया तथा नये मुखबीरो को तैनात किया गया। इसी प्रयास में दिनांक 28 फरवरी को थाना कोरंधा पुलिस को पता चला कि ग्राम भवानीपुर के तीन व्यक्तियों की इस जघन्य हत्या में संलिप्तता है। जिसपर थाना कोरंधा पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुये ग्राम भवानीपुर से घेरा बंदी कर तीन संदेहियो फुलेश्वर राम,नंदलाल एवं राहुल उर्फ दीपकचंद को पकड़कर थाना लाकर बारिकी से घटना के बारे में पृथक-पृथक पूछताछ किया। पूछताछ पर संदेहीयों ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताये कि फुलेश्वर राम, नंदलाल एवं राहुल उर्फ दीपकचंद तीनों मित्र है। तीन वर्ष पूर्व के जनवरी-फरवरी माह के आस पास आरोपी फुलेश्वर राम ने ग्राम भवानीपुर और लरिमा के बीच खेत में मटर का फसल लगाया था। लगाये गये मटर के खेत में जंगली सुअर आकर फसल को खाकर नुकसान पहुंचा रहा था। इसी बीच दिनांक 25 फरवरी 2022 को गांव भवानीपुर में अर्जुन उरांव के घर सिंदुर गुतिया कार्यक्रम था। उसी शाम को तीनो दोस्तो ने मिलकर जंगली सुअर का शिकार करने की नीयत से मटर खेत के चारो तरफ लकडी के खुटी गाडकर नंगा जीआई तार बिछाकर खेत के बीच से गुजरे ग्यारह हजार वोल्ट बिजली के चालू लाईन में जीआई तार की हुकिंग कर करेंट प्रवाहित कर दिये थे और खेत से कुछ दुरी पर खाली पडे अधबने मकान में जाकर सो गये। कि रात दस -ग्यारह बजे लगभग बिजली की आग लगने की तेज आवाज सुनकर तीनो जाग गये और दौड़ते हुए जाकर देखे तो ग्राम भवानीपुर का कमिल साय की आरोपियों द्वारा लगाये गये बिजली प्रवाहित तार के चपेट में आने से मृत्यु हो गई थी। बिजली के प्रवाह के कारण कमिल साय के शव तथा कपडो में आग लग गया था। थोडी देर में जब कमिल साय के शव
तथा कपडो पर लगी आग बुझी तो आरोपियों ने 11 हजार वोल्ट बिजली लाईन से हुक को निकाला तथा कपडकर तीनों ने मिलकर कमिल साय की लाश को वहां से दूर ले जाकर खेत के पैरा (पुआल) में लाश को छिपा दिये थे। अगले दिन तीनो आरोपी दिनभर गांव में ही थे। रात होने पर करीव दस बजे फुलेश्वर राम और नंदलाल ने घर से लोहे का गडासा और टंगिया लेकर लाश को छुपाए गये स्थान पर दोबारा गये, दीपकचंद उर्फ राहुल ने डर कर जाने से मना कर दिया। तब फुलेश्वर राम और नंदलाल ने अपराध को छुपाने की नीयत से मृतक कमिल साय की लाश को लोहे के गडासा एवं टंगिया से टुकडे-टुकडे में काटकर दो सफेद रंग के प्लासटिक बोरा में भरे और फुलेश्वर राम के आटो में लोड कर ग्राम नीलकंठपुर, कटिमा, कंचनटोली होते हुये ग्राम कर्राडाड के खैरिडाड के पास रोड किनारे बोरा से शव के टुकडो को निकाल कर फेक दिये। इसके बाद ग्राम तरैनी होते हुये ग्राम त्रिपुरी के पास लावा नदी में शरीर पर लगे खुन को थोकर ग्राम गोविंदपुर, गोपीनगर होते हुये सुबह करीबन पांच बजे वापस ग्राम भवानीपुर आ गये। प्रकरण में थाना कोरंधा पुलिस द्वारा एक मार्च को तीनो आरोपी फुलेश्वर राम, नंदलाल एवं राहुल उर्फ दीपकचंद को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है। अज्ञात हत्या की गुत्थी को सुलझाने में थाना कोरंधा से थाना प्रभारी कोरंधा उप निरीक्षक विरासत कुजूर, सउनि. दशरथ कुजूर, प्र. आरक्षक निर्मल एक्का, आरक्षक अमित एक्का, श्रवण मरावी, पूर्णेश कश्यप, रंजीत टोप्पो, जितेन्द्र यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।