Bihar Politics: पीएम मोदी के बिहार पहुंचने से पहले NDA की बड़ी बैठक, तय हुआ नए सीएम का नाम? सम्राट चौधरी ने खोले कई राज

पटना : बिहार की राजधानी पटना में बीते दिन शनिवार को बीजेपी कार्यालय में एक अहम सियासी हलचल देखने को मिली, जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA के शीर्ष नेता एक मंच पर जुटे। इस बैठक का उद्देश्य केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी बिहार दौरे की तैयारियों की समीक्षा भर नहीं था, बल्कि इससे आगे की चुनावी रणनीति को धार देना भी था।

बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री ललन सिंह, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा समेत NDA घटक दलों बीजेपी, जेडीयू, लोजपा (रामविलास) और हम (से) के प्रदेश अध्यक्षों व मिथिलांचल के सांसद-विधायकों की भागीदारी रही।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल ने दी जानकारी

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल ने बैठक के बाद जानकारी दी कि 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी बिहार के दौरे पर रहेंगे, जहां वे कई महत्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसे विधानसभा चुनावों की पूर्वभूमि के तौर पर भी देखा जा रहा है। सभी सांसदों और विधायकों को पीएम के कार्यक्रमों को सफल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।

सम्राट चौधरी का बड़ा दांव

बैठक के बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत में बड़ा सियासी बयान देते हुए कहा, “2030 तक कैसा बिहार बनेगा, इसकी कल्पना अब करनी होगी। इसके लिए जनता को बीजेपी और NDA को वोट देना चाहिए, और नीतीश जी के नेतृत्व को मजबूत करना चाहिए। नीतीश कुमार NDA के नेता हैं और आगे भी रहेंगे।”

तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए सम्राट चौधरी ने उन्हें विकास पर खुली बहस की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि RJD के कार्यकाल में राज्य में बुनियादी ढांचे की भारी कमी थी, लेकिन आज बिहार में 33 मेडिकल कॉलेजों पर काम हो रहा है, जो विकास की असल तस्वीर पेश करता है।

NDA का क्या है लक्ष्य?

सम्राट चौधरी ने दावा किया कि पिछले पांच वर्षों में नीतीश कुमार के नेतृत्व में 50 लाख युवाओं को रोजगार व नौकरी मिली है। साथ ही, उन्होंने बताया कि राज्य के पब्लिक सेक्टर में करीब 40,000 करोड़ रुपये का निवेश आने वाला है, जिससे नौकरियों के नए अवसर पैदा होंगे।

इस पूरी कवायद से साफ हो गया है कि NDA पूरी तरह एकजुट होकर चुनावी रणभूमि में उतरने को तैयार है। नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद के चेहरे होंगे और पीएम मोदी का बिहार दौरा इस अभियान को नई ऊर्जा देने वाला साबित हो सकता है।

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