रात के अंधेरे में वन भूमि पर कब्जा करना पड़ा महंगा

वाड्रफनगर/(शोएब सिद्दिकी) वन विभाग की कार्यवाही में मशीन जब्त – चालक मौके से हुआ फरार

वन भूमि पर जेसीबी से अवैध कब्जे की साजिश नाकाम

वाड्रफनगर वन विभाग की दबिश जेसीबी जब्त – चालक हुआ फरार

आपको बता दें कि पूरा मामला छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम अलका में वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण की बड़ी साजिश को वन विभाग की तत्परता ने विफल कर दिया।

जहां बीती रात करीब 11 बजकर 30 मिनट पर , मोरन नदी के किनारे कक्ष क्रमांक 713 की आरक्षित वन भूमि पर जेसीबी मशीन से अवैध रूप से खेत तैयार करनें का प्रयास किया जा रहा था।

जहां सूचना मिलते ही वन अमले ने त्वरित कार्यवाही करते हुए मौके पर दबिश दी और जेसीबी मशीन क्रमांक CG30-B-0897 को मौके से जब्त कर लिया।

हालाँकि मशीन का चालक सत्यदेव पिता शिवरतन अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गया।

जहां वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी के विरुद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33(1) (क) (ग) एवं धारा 52 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।

जहां प्रारंभिक जांच में यह जेसीबी मशीन संदीप गुप्ता, निवासी अलका की बताई जा रही है। जहां पूरें मामले की गहन विवेचना की जा रही है, और जहां फरार आरोपी की संघन तलाश वन विभाग के द्वारा की जारी है।


जहां वाड्रफनगर वन विभाग की टीम ने दिखाई मुस्तैदी

जहां आपको बता दें कि इस अभियान में वाड्रफनगर वन विभाग की टीम की भूमिका सराहनीय रही।

जहां इस कार्यवाही के दौरान वनपाल मोनिका तिग्गा, सेरोफिना भगत, लक्ष्मी शंकर शुक्ला, वनपाल सतीश कुमार, वनरक्षक दीपाकर पटेल सहित अन्य वनकर्मी रहे।

जहां वाड्रफनगर वन विभाग की टीम ने कड़ी निगरानी के साथ अवैध कब्जा रोकनें में सफलता की हासिल।

आपको बता दें कि जहां दूसरी ओर वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वन भूमि पर अतिक्रमण या तोड़फोड़ की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जहां क्षेत्रीय अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि ऐसे मामलों में दोषियों को सख्त सजा दिलानें और दोबारा ऐसे प्रयास न हों, इसके लिए अभियान चलाकर निगरानी बढ़ाई जाएगी।

जहां ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना मामला….

जहां आपको बता दें कि स्थानीय ग्रामवासियों में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। लोगों ने वाड्रफनगर वन विभाग की तत्परता की सराहना करते हुए यह उम्मीद जताई है कि सरकारी जमीन और जंगल की रक्षा के लिए इस प्रकार की सख्ती लगातार जारी रहेगी।

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