
बलरामपुर/रिपोर्ट (आफताब आलम) अपनी लंबित मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ की प्रांतव्यापी अनिश्चित कालीन हड़ताल प्रारंभ हो गई है।
माँगों को लेकर अब तक किये गये समस्त प्रयासों एवं पत्राचार के बावजूद निराकरण न होने से प्रदेश भर के हजारों वन कर्मी व्यवित थे।
शासन की उदासीन रवैये से नाराज होकर आज से प्रदेश भर के वनकर्मी आर पार की लड़ाई के मूड में आ गये हैं।
वन कर्मचारियों की हड़ताल से वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है, साथ ही समस्त विभागीय कार्य ठप्प पड़ गये हैं।
हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथियों के विचरण की मॉनिटरिंग न होने से आम जनजीवन खतरे में पड़ गया है।
आन्दोलन अवधि में वनों की कटाई के मामले बढ़ने एवं अवैध शिकार की घटनाओं में वृद्धि होने की आशंका है।
विदित हो कि अब वनों में अग्नि सीजन प्रारंभ होने वाला है, यदि बनकर्मी शीघ्र कार्य पर न लौटे तो बनों में अग्नि घटनाओं पर नियंत्रण करना सरकार के लिये बहुत बड़ी चुनौती साबित होगी।
बलरामपुर जिले में भी सैंकड़ों वन कर्मचारी आज हड़ताल पर रहे। हड़ताली कर्मचारी बलरामपुर, वाड्रफनगर एवं राजपुर में धरने पर बैठे रहे।
कार्यवाहक प्रांताध्यक्ष पवन रूपौलिहा, जिलाध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष हरिकिशोर राम, सुरेश यादव, प्रदीप कुजूर, अनिल कुजूर, समलू राम, युधिष्ठिर राम, श्रीमती मालती माझी, श्रीमती पुष्पा कुजूर, सुरेश सरदार सहित वन कर्मचारी आज हड़ताल पर मौजूद रहे ।