होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड पर जिले के शिक्षकों ने एससीईआरटी में लिया प्रशिक्षण


जांजगीर (दीपक यादव) नई शिक्षा नीति 2020 में बच्चों का व्यापक मूल्यांकन के लिए होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (समग्र प्रगति कार्ड) तैयार की गयी है जो इस शिक्षा सत्र से लागू हो चुकी है। इस समग्र प्रगति कार्ड को लेकर दो राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन संचालक एससीईआरटी राजेंद्र कुमार कटारा के मार्गदर्शन में 28 व 29 अगस्त 2024 को किया गया। कार्यशाला राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र परख एनसीईआरटी नई दिल्ली से डा. पीयुष कमल, डा. प्रियंका सिंह तथा डा. जहरा काजमी विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल होकर राज्य भर के प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी।


कार्यशाला में डाइट जांजगीर प्राचार्य बी.पी. साहू व उप प्राचार्य एल.के. पाण्डेय के मार्गदर्शन में जिले के 3 शिक्षक-शिक्षिकाओं नरेन्द्र कुमार राठौर, श्रीमती मिली सिंह व श्रीमती सत्या सूर्यवंशी ने बतौर मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण प्राप्त किया। राष्ट्रीय मूल्यांकन केन्द्र परख नई दिल्ली के विषय विशेषज्ञों ने बताया कि समग्र प्रगति कार्ड देश भर के स्कूलों के लिए बनाया गया एक रिपोर्ट कार्ड है। इस कार्ड में बच्चों की शारीरिक, सामाजिक-भावनात्मक, साक्षरता, अध्ययन, पारस्परिक संबंध, आत्म-निरीक्षण, रचनात्मकता, और भावनात्मक अनुप्रयोगों की प्रगति को मापा जायेगा। इस समग्र प्रगति कार्ड में मूल्यांकन को और अधिक शिक्षार्थी-केंद्रित बनाया गया है। इस नई अवधारणा से शिक्षार्थी के कौशल और दक्षताओं के मूल्यांकन के माध्यम से छात्रों की उत्कृष्टता का आकलन किया जायेगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत शिक्षक नरेन्द्र राठौर ने बताया कि नये रिपोर्ट कार्ड में बच्चों के परीक्षाओं और प्रोजेक्ट के अंक, अनुशासन, उपस्थिति, नोटबुक तैयार करने जैसी गतिविधियों के अंक, और कुछ कथनों पर निशान लगाकर या घेरा लगाकर मूल्यांकन किया जायेगा। इस कार्ड में एक महत्वाकांक्षा कार्ड भी होगा जिसमें छात्र साल के लिए अपनी महत्वाकांक्षाएं लिख सकेंगे। इसके अलावा इस कार्ड में एक ऐसा क्षेत्र भी होगा जहां छात्र लिख सकते हैं कि उन्हें क्या सुधार करने की जरूरत है।


श्रीमती सत्या सूर्यवंशी ने कार्यशाला के उपरांत बताया कि इस कार्ड को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सुझावों के मुताबिक बनाया गया है। एनईपी 2020 के अनुसार समग्र प्रगति कार्ड की अवधारणा वास्तव में छात्रों की ताकत और सुधार के क्षेत्रों को प्रदर्शित करके उनके मजबूत आत्म-सम्मान और आत्म-जागरूकता का निर्माण करने का एक साधन है। अब छात्रों का मूल्यांकन केवल उनकी शैक्षणिक सफलता के आधार पर नहीं किया जाएगा बल्कि यह अन्य पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित और यह छात्रों को आत्म-मूल्यांकन का अवसर भी देगा। इस कार्ड में साथियों, अभिभावकों और शिक्षकों से फीडबैक होगी जिससे छात्रों को अपनी समग्र प्रगति को ट्रैक करने में मदद मिलेगी। एनसीईआरटी ने सभी राज्यों से अपने स्कूलों में समग्र प्रगति कार्ड की अवधारणा को अपनाने को कहा है। डाइट प्राचार्य श्री साहू ने बताया कि राज्य से प्रशिक्षित तीनों मास्टर ट्रेनर्स आगामी दिनों में जिले के प्रत्येक अकादमिक सदस्यों का उन्मुखीकरण करेंगे। कार्यशाला को सफल बनाने में अतिरिक्त संचालक जे.पी. रथ, श्रीमती पुष्पा चंद्रा प्रशिक्षण प्रभारी, श्रीमती विद्या डांगे प्रभारी आकलन प्रकोष्ठ सहित राज्य के समस्त जिलों के विद्यालयों से चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं व डाइट के अकादमिक सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा।
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