
छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।
बलरामपुर-रामानुजगंज/(शोएब सिद्दिकी) जिले में 14 प्राथमिक शाला शिक्षकविहीन थे, तथा 311 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय थीं जिसमें युक्तियुक्तकरण से शिक्षकों की व्यवस्था हो गई है एवं आगामी शैक्षणिक सत्र-2025-26 में बच्चों की सुचारू पढ़ाई हो सकेगी।

आपको बता दे कि बलरामपुर जिला कलेक्टर राजेन्द्र कटारा ने प्रेस वार्ता कर बताया कि,नगरीय इलाकों में छात्रों की तुलना अधिक शिक्षक पदस्थ हैं,जबकि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों की शालाओं में स्थिति इसके विपरीत है। वहां शिक्षकों की कमी है, जिसके चलते शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं और छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम भी प्रभावित हो रहा है। इस स्थिति को सुधारने के उद्देश्य ही प्रदेश सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण का कदम उठाया गया है। इससे जिन शालाओं में शिक्षक की जरूरत है, वहां शिक्षक उपलब्ध होंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में गणित, रसायन, भौतिकी और जीव विज्ञान जैसे विषयों के विषय विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे।
बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
बलरामपुर जिले में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से छात्र-शिक्षक अनुपात स्कूलों में संतुलित हो, यह सुनिश्चित किया गया है।