
छत्तीसगढ़ में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, मरीजों की जान तक की परवाह नहीं – आम आदमी पार्टी
बलरामपुर/(शोएब सिद्दिकी) आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने प्रदेश की खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था और भाजपा सरकार के आम जनता के स्वास्थ्य के प्रति गैरजिम्मेदार रवैये पर कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को चौपट कर दिया है। उनका कहना है कि प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अंबेडकर अस्पताल में 80 करोड़ की मशीने ख़राब पड़ी हैं।

दुर्घटनाओं में फ्रैक्चर, गंभीर चोटों और कैंसर के रोगियों को सर्जरी नहीं हो पा रही है। राज्य के जिलों में खासकर ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा जिला अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव देखा जा रहा है। कई सरकारी अस्पतालों में स्थायी डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं, आवश्यक दवाएं एवं जीवनरक्षक औषधियों की समय पर आपूर्ति नहीं हो रही है। अस्पतालों की इमारतें जर्जर हो चुकी हैं और साफ-सफाई की व्यवस्था अत्यंत खराब है। आपातकालीन सेवाओं हेतु एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। जांच हेतु आवश्यक उपकरण जैसे X-ray, ECG, लैब टेस्ट की सुविधाएं अधिकतर जगहों पर नहीं हैं।

प्रदेश संगठन मंत्री अलेक्जेंडर केरकेट्टा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 10 मेडिकल कॉलेज हैं, सभी कॉलेजों में कॉलेज प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर सहित 642 पोस्ट रिक्त हैं। राजधानी में मेकाहारा में लगभग 50 डॉक्टरों की पोस्ट खाली है। डीकेएस सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल जो सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है, वहां पर एक भी डॉक्टर रेगुलर नहीं है और जितनी भी प्रकार की सेवाएं एमआरआई, सिटी स्कैन, सोनोग्राफी और ब्लड टेस्ट सहित अनेक सेवाएं आउटसोर्सिंग के माध्यम से किया जाता है, सवाल ये है कि जब राजधानी की ये स्थिति है तो राज्य में अन्य जगहों की क्या स्थिति होगी। मई 2025 में बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश की राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं पर संज्ञान लिया था। स्वास्थ्य सचिव से कोर्ट ने जवाब मांगा था, जिस पर अब तक सरकार द्वारा जवाब पेश नहीं किया जा सका।
प्रदेश उपाध्यक्ष माननीय श्री राजेंद्र बहादुर ने बताया कि कुछ दिन पूर्व चिरमिरी में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से जिला अस्पताल में बारिश का पानी भर गया, बावजूद अस्पताल प्रबंधन छत से बारिश के पानी को घुसने से रोकने को लेकर कोई प्रयास नहीं कर रहा है। लैब, बरामदा सहित अन्य कमरों में पानी भरने से मरीज और स्टाफ हलाकान हो रहें हैं। उन्होंने कहा कि हर साल बरसात में राज्य में ज्यादातर जगह पर डेंगू बुखार का प्रकोप विकराल हो जाता है, बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग आने वाले बरसात के लिए उचित साफ-सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे इस साल भी डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ेगी।
प्रदेश संयुक्त सचिव नीलम ठाकुर ने कहा कि राज्य के बलरामपुर जिला अस्पताल की हालत खस्ता है, सोनोग्राफी मशीने ख़राब हैं, अस्पताल में मौजूद उपकरण धूल खा रहें हैं, मरीज बेहाल और शासन के रवैये से नाराज हैं। अमूमन यही स्थिति राज्य से सभी बड़े सरकारी अस्पतालों की है। प्रदेश में सीजीएमएससी विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है, छत्तीसगढ़ के अनेक सरकारी अस्पतालों में घटिया इंजेक्शन की सप्लाई हो रही है, जिससे मरीजों की जान का खतरा बना हुआ है। और खून को गाढ़ा करने वाले और खून को पतला करने वाले इंजेक्शन की भी घटिया सप्लाई सरकारी अस्पताल में की जा रही है। कुछ दिन पूर्व ही रायपुर के बिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता की इलाज के भाव में मौत हो गई थी। अनेक प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो में रात में डॉक्टर नहीं रहते हैं।
आज दिनांक 1/07/2025 दिन मंगलवार को छत्तीसगढ़ में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें प्रदेश संयुक्त सचिव नीलम ठाकुर जी, बलरामपुर जिला इकाई के कार्यालयीन जिला महासचिव चन्द्रशेखर पोर्ते जी, ओर सक्रिय साथी सुग्रीव राम जी उपस्थित रहे।


